
पश्चिम एशिया में तनावपूर्ण माहौल के बीच अमेरिका ने अपनी समुद्री ताकत का बड़ा प्रदर्शन किया है। ईरान के नजदीक भूमध्य सागर में तीन शक्तिशाली नौसैनिक स्ट्राइक ग्रुप्स की तैनाती करके अमेरिका ने यह साफ संकेत दे दिया है कि क्षेत्रीय अस्थिरता को वह हल्के में नहीं ले रहा।
क्या होता है एक स्ट्राइक ग्रुप?
स्ट्राइक ग्रुप (Carrier Strike Group) केवल एक विमानवाहक पोत नहीं होता। यह एक संपूर्ण युद्धक तंत्र होता है, जो तीनों मोर्चों — समुद्र, आकाश और जमीन — पर कार्रवाई में सक्षम होता है। इसमें शामिल होते हैं:
एयरक्राफ्ट कैरियर, जिनसे फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर उड़ान भरते हैं
गाइडेड मिसाइल क्रूज़र्स, जो सतह से हवा और सतह से सतह तक मिसाइल हमले कर सकते हैं
डेस्ट्रॉयर, जो दुश्मन मिसाइलों को हवा में ही मार गिराते हैं
अटैक पनडुब्बियां, जो पानी के नीचे दुश्मन को निशाना बना सकती हैं
सप्लाई और रिफ्यूलिंग जहाज, जो पूरे बेड़े को लंबे समय तक समुद्र में सक्रिय बनाए रखते हैं
और F/A-18 फाइटर जेट्स, E-2D हॉकआई जैसे निगरानी विमान और युद्धक हेलिकॉप्टर्स
कौन-कौन से अमेरिकी स्ट्राइक ग्रुप सक्रिय हैं?
1. यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड स्ट्राइक ग्रुप
अमेरिका का सबसे अत्याधुनिक विमानवाहक पोत
लेवेंट क्षेत्र (सीरिया-लेबनान के पास) तैनात
ईरान और हिज़्बुल्लाह की किसी भी सैन्य कार्रवाई के जवाब में तैयार
इज़राइल की हवाई सुरक्षा को मजबूती
2. यूएसएस कार्ल विंसन स्ट्राइक ग्रुप
प्रशांत क्षेत्र से हटाकर भूमध्य सागर भेजा गया
ईरान की समुद्री गतिविधियों पर करीबी निगरानी
गाजा और लेबनान सीमा पर ड्रोन और मिसाइल लॉन्चिंग रोकने की क्षमता
रूसी नौसेना की हलचलों पर भी नजर
3. यूएसएस निमित्ज स्ट्राइक ग्रुप
भारत-प्रशांत क्षेत्र से ट्रांसफर किया गया
होरमुज जलडमरूमध्य और लाल सागर पर कंट्रोल रखने की रणनीति
मिसाइल लॉन्च और एयरस्ट्राइक क्षमताओं से लैस
सीरिया, क़तर और इज़राइल से समन्वय स्थापित
तीन बेड़ों की संयुक्त तैनाती का रणनीतिक अर्थ
यह अमेरिका की अब तक की सबसे बड़ी नौसैनिक तैनाती में से एक है
ईरान के खिलाफ सैन्य सतर्कता और मनोवैज्ञानिक दबाव का संदेश
संभावित युद्ध की स्थिति में तीनों बेड़े F-35C और B-2 जैसे हाई-टेक विमानों को सपोर्ट कर सकते हैं
रूसी और ईरानी नौसैनिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी
इज़राइल, क़तर और सऊदी जैसे सहयोगियों को अमेरिका की सुरक्षा गारंटी
निष्कर्ष
तीनों अमेरिकी युद्धक बेड़े का भूमध्य सागर में सक्रिय होना एक निर्णायक संकेत है कि अमेरिका क्षेत्र में किसी भी खतरे का तुरंत जवाब देने की तैयारी में है। यह तैनाती सिर्फ सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका द्वारा तीनों स्ट्राइक ग्रुप्स की एक साथ तैनाती अपने आप में एक गंभीर चेतावनी और बड़ी भू-राजनीतिक घटना मानी जा रही है।