 
									10 जुलाई को मुंबई के तट के पास भारतीय नौसेना और ग्रीस की हेलेनिक नेवी के बीच अरब सागर में एक संयुक्त पीएएसएसईएक्स (PASSEX) अभ्यास संपन्न हुआ। इस अभ्यास में भारतीय फ्रिगेट तरकश (F50) और ग्रीस की फ्रिगेट पीएसएआरए ने हिस्सा लिया। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामरिक तालमेल को बेहतर बनाना और समुंद्री सुरक्षा में साझा क्षमता को मजबूत करना है।
अभ्यास का रणनीतिक महत्व
भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान ने इस अभ्यास की तस्वीरें और जानकारी साझा की, जिससे पता चलता है कि दोनों देशों की नौसेनाएं न केवल संचार बल्कि उन्नत युद्धाभ्यास में भी एक-दूसरे के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रही हैं। इससे दोनों सेनाओं की ऑपरेशनल रेडीनेस और कमांड सिस्टम को बेहतर बनाने का अवसर मिला।
भारत-ग्रीस सहयोग की नई दिशा
2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीस यात्रा के बाद से भारत और ग्रीस के बीच रक्षा सहयोग में तेजी आई है। अब दोनों देश इंडो-पैसिफिक और पूर्वी भूमध्य सागर जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह साझेदारी ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।
क्षेत्रीय संतुलन और जवाबी कूटनीति
भारत इस रणनीतिक साझेदारी को केवल एक साझा अभ्यास के रूप में नहीं देख रहा, बल्कि यह अभ्यास पाकिस्तान-तुर्की गठजोड़ के बढ़ते प्रभाव के जवाब में एक मजबूत संकेत भी माना जा रहा है। तुर्की और पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में समुद्री रणनीति पर सहयोग बढ़ाया है, और भारत अब ग्रीस, साइप्रस और इजरायल जैसे देशों के साथ मिलकर संतुलन बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
पीएएसएसईएक्स अभ्यास क्या होता है?
PASSEX (Passing Exercise) वह नौसैनिक अभ्यास होता है, जो जब दो मित्र देशों की नौसेनाएं अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक-दूसरे के पास होती हैं, तो उन्हें बेहतर समझ और सामरिक तैयारी के लिए किया जाता है। यह अभ्यास वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में संयुक्त प्रतिक्रिया देने की क्षमता को बढ़ाने का एक अहम माध्यम होता है।




















