ईरान का बड़ा फैसला: IAEA से सहयोग रोका, परमाणु तनाव और गहराने की आशंका

ईरान ने हाल ही में अपने परमाणु स्थलों पर हुए कथित अमेरिकी और इजरायली हमलों के जवाब में एक कड़ा रुख अपनाया है। देश की संसद ने एक नया विधेयक पारित कर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

यह फैसला ऐसे समय आया है जब क्षेत्र में पहले से ही तनाव का माहौल है, और यह कदम वैश्विक स्तर पर परमाणु स्थिरता को प्रभावित कर सकता है


🏛️ संसद में प्रस्ताव पारित, निरीक्षकों पर प्रतिबंध

बुधवार को ईरान की संसद में 222 सदस्यों ने इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया। केवल एक सांसद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव में कहा गया है कि जब तक परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की ठोस गारंटी नहीं दी जाती, तब तक IAEA के निरीक्षकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा, निगरानी कैमरे हटाने, रिपोर्टिंग प्रक्रिया रोकने, और अन्य निरीक्षणों को भी स्थगित करने की बात कही गई है।

यह विधेयक अब ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया है।


🧪 ईरान का आरोप: IAEA बना राजनीतिक हथियार

ईरान के संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाकर कालिबाफ ने आरोप लगाया कि IAEA अब निष्पक्ष संस्था नहीं रही और उसने अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं कीं। उनका कहना था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, न कि हथियार बनाने के लिए।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई विशेषज्ञ इस दावे पर संदेह जताते हैं, खासकर जब पिछले वर्षों में कुछ गतिविधियाँ गोपनीय पाई गईं।


🔬 संवर्धन जारी, नई तकनीक की ओर बढ़ता ईरान

बीते महीनों में ईरान ने नए यूरेनियम संवर्धन केंद्र शुरू करने की घोषणा की थी, साथ ही IR-6 सेंट्रीफ्यूज तकनीक को फोर्डो में लगाने की भी पुष्टि की गई थी। ये सभी कदम इस ओर संकेत कर रहे हैं कि देश तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहा है

IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने चिंता जताते हुए कहा कि लगभग 408 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का ठिकाना अभी स्पष्ट नहीं है, जिसे ईरान ने कथित तौर पर कहीं और स्थानांतरित कर दिया है।


💥 हमलों के बाद का माहौल

ईरान के परमाणु स्थलों — नतांज, फोर्डो और इस्फहान — पर हाल ही में कथित हमलों के बाद यह पूरा घटनाक्रम तेजी से बदला है। ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि उनकी सभी सुविधाएं सुरक्षित हैं और यूरेनियम संवर्धन प्रभावित नहीं हुआ। वहीं, कुछ पश्चिमी नेताओं का मानना है कि इन हमलों ने ईरान की क्षमता को कुछ हद तक कमजोर किया है।


🔎 क्या अब ईरान हथियार बनाने की ओर बढ़ रहा है?

कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और विश्लेषकों का दावा है कि ईरान अब परमाणु हथियार कार्यक्रम की ओर तेजी से बढ़ सकता है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी, ये संकेत जरूर हैं कि पारदर्शिता की कमी और निरीक्षण रोकने का निर्णय स्थिति को और तनावपूर्ण बना सकता है

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