
कतर में लंबे समय से एक अलग मामले में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अब तक भारत वापस नहीं लौट पाए हैं। जबकि उनके साथ रिहा किए गए अन्य सात पूर्व नौसैनिक पहले ही भारत लौट चुके हैं।
🔒 क्यों नहीं लौट पाए कमांडर तिवारी?
कतर सरकार द्वारा फरवरी 2024 में आठों भारतीय अधिकारियों को जेल से रिहा किया गया था। हालांकि, पूर्णेंदु तिवारी को अंतिम समय में यात्रा से रोक दिया गया क्योंकि उन पर एक वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा मामला दर्ज है। यह मामला छह अन्य लोगों के साथ मिलकर दर्ज किया गया है, जिनमें कुछ कतरी नागरिक भी शामिल हैं।
📆 अगली सुनवाई 13 अगस्त को
इस केस में अब तक कुछ सुनवाइयाँ हो चुकी हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया बेहद धीमी है। पिछली सुनवाई जून में हुई थी और अगली सुनवाई 13 अगस्त 2025 को होने वाली है। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि प्रक्रिया में कितना समय लगेगा और कब उन्हें यात्रा की अनुमति मिलेगी।
🚫 यात्रा पर रोक और बैंक खाता फ्रीज़
हालांकि कमांडर तिवारी अब बंदी नहीं हैं, लेकिन जब तक अदालत उन्हें निर्दोष नहीं मान लेती, वे दोहा नहीं छोड़ सकते। इसके साथ ही उनका बैंक खाता भी फ्रीज़ कर दिया गया है, जिससे उनके दैनिक जीवन में कठिनाइयाँ आ रही हैं।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कमांडर तिवारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भारत लौटेंगे। सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए है और सभी जरूरी राजनयिक प्रयास जारी हैं।
👵 मां का इंतजार
भारत में रह रहीं कमांडर तिवारी की 80 वर्षीय मां गंभीर रूप से बीमार हैं, जो बेटे की वापसी की राह देख रही हैं। परिवार को उम्मीद है कि जल्दी ही न्याय मिलेगा और पूर्णेंदु तिवारी भारत लौट पाएंगे।
🔍 पृष्ठभूमि
अगस्त 2022 में कतर सरकार ने आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को एक अज्ञात मामले में हिरासत में लिया था।
इन सभी को अप्रैल 2023 में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, जिसे भारत सरकार के प्रयासों से बाद में रद्द कर दिया गया।
12 फरवरी 2024 को सभी को जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन पूर्णेंदु तिवारी की वापसी पर रोक लगी रही।