 
									आधार कार्ड आज हर भारतीय की पहचान का सबसे अहम दस्तावेज़ बन चुका है। बैंकिंग से लेकर मोबाइल सिम, राशन, पेंशन, यात्रा और सरकारी योजनाओं तक – हर जगह इसकी जरूरत होती है। ऐसे में जब ये खबर सामने आई कि UIDAI ने अब तक 1.17 करोड़ आधार नंबर डीएक्टिवेट कर दिए हैं, तो लोगों में भ्रम और चिंता पैदा हो गई।
आइए जानते हैं – किसके आधार नंबर बंद किए जा रहे हैं, क्यों हो रही है यह प्रक्रिया, और कैसे आप जान सकते हैं कि आपका आधार सक्रिय है या नहीं।
✅ क्यों हो रहा है आधार कार्ड डीएक्टिवेट?
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनका आधार नंबर गलत उपयोग से रोकने के लिए यह डीएक्टिवेशन अभियान चलाया जा रहा है।
UIDAI का कहना है कि अगर किसी मृत व्यक्ति का आधार नंबर सक्रिय रहता है, तो उसके नाम पर धोखाधड़ी, फर्जी लेन-देन या योजनाओं का दुरुपयोग हो सकता है। इसी को रोकने के लिए यह पहल की गई है।
📊 अब तक कितने आधार कार्ड हुए बंद?
UIDAI के अनुसार:
- 1.55 करोड़ से अधिक मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं। 
- इन रिकॉर्ड्स में से 1.17 करोड़ आधार नंबरों को सफलतापूर्वक डीएक्टिवेट कर दिया गया है। 
- लगभग 6.7 लाख और रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है और वे भी वेरिफिकेशन के बाद बंद किए जाएंगे। 
🧾 नया फीचर: ‘Reporting of Death of a Family Member’
UIDAI ने myAadhaar पोर्टल पर एक नई सेवा शुरू की है —
“Reporting of Death of a Family Member”, यानी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु की सूचना देना।
इस फीचर के तहत:
- परिवार के किसी सदस्य को मृत व्यक्ति की मृत्यु की जानकारी पोर्टल पर देनी होगी। 
- उसे अपना रिश्ता साबित करने वाला दस्तावेज़ जमा करना होगा। 
- साथ ही, मृतक का आधार नंबर, डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर, और अन्य ज़रूरी विवरण भरने होंगे। 
- सभी विवरणों के वेरिफिकेशन के बाद UIDAI मृत व्यक्ति का आधार नंबर डीएक्टिवेट कर देगा। 
🗂️ कौन से राज्य शामिल हैं इस प्रक्रिया में?
UIDAI ने यह सेवा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की है। इसके लिए वे Civil Registration System (CRS) और Registrar General of India (RGI) से प्राप्त मृत्यु रिकॉर्ड्स का उपयोग कर रहे हैं।
यह एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसमें राज्य सरकारें, नगर निकाय, स्वास्थ्य विभाग और नागरिक पंजीकरण कार्यालय भी शामिल हैं।
🧓🏻 100 साल से अधिक उम्र वालों पर भी नजर
UIDAI ने बताया कि वह 100 साल से अधिक उम्र के आधार कार्ड धारकों की जानकारी राज्य सरकारों के साथ साझा कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे जीवित हैं या नहीं।
इस पहल के तहत:
- उम्रदराज लोगों की सूची राज्य को भेजी जाती है। 
- राज्य सरकार की ओर से फिजिकल वेरिफिकेशन या रिकॉर्ड जांच के जरिए पुष्टि की जाती है। 
- पुष्टि के बाद अगर वे जीवित नहीं पाए जाते, तो आधार नंबर को बंद कर दिया जाता है। 
🔍 क्या आपका आधार अभी भी वैध है? ऐसे करें जांच:
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका आधार कार्ड अभी भी सक्रिय है या नहीं, तो आप UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आसानी से जांच सकते हैं।
प्रक्रिया:
- 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें। 
- कैप्चा कोड भरें और “Proceed to Verify” पर क्लिक करें। 
- स्क्रीन पर लिखा आएगा — “Aadhaar Number exists!” या “Invalid”। 
यदि “exists” दिखता है, तो आपका आधार अभी भी सक्रिय (Active) है।
⚠️ क्या आम नागरिकों को चिंता करने की जरूरत है?
नहीं। यह डीएक्टिवेशन केवल उन लोगों के लिए है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। यदि आप जीवित हैं और आपके आधार में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि समय-समय पर अपना आधार विवरण:
- मोबाइल नंबर, 
- पता, 
- फोटो, 
- बायोमेट्रिक्स 
अपडेट करते रहें, ताकि कोई समस्या न हो।
🤝 UIDAI और राज्य सरकारों का संयुक्त प्रयास
इस पहल के तहत UIDAI ने राज्य सरकारों को भी प्रक्रिया में भागीदार बनाया है। कई राज्यों में यह सेवा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चल रही है, और आगे चलकर पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा।
UIDAI का मानना है कि डेटा की शुद्धता और सिस्टम की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।
✍️ निष्कर्ष: यह जरूरी कदम है या चिंता की वजह?
UIDAI की यह पहल व्यवस्था को दुरुस्त और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। यह न केवल फर्जीवाड़े को रोकने में मदद करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सही व्यक्ति को मिले।
हालांकि, इसमें आम नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी भी जरूरी है। अगर आपके परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो इसकी जानकारी myAadhaar पोर्टल पर जरूर दें, ताकि उनके आधार नंबर का कोई गलत उपयोग न हो सके।




















