 
									कुलदीप यादव को बेंच पर बैठे देख भड़के कोच
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का रोमांच चरम पर है, लेकिन इस दौरान एक नाम चर्चा में बना हुआ है – कुलदीप यादव। स्टार स्पिनर कुलदीप यादव को अभी तक सीरीज के पहले तीन टेस्ट मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला है, और यही बात उनके बचपन के कोच कपिल देव पांडे को परेशान कर रही है। “कुलदीप यादव को बेंच पर बैठे देख भड़के कोच” – यह वाक्य अब क्रिकेट जगत में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
टीम का प्रदर्शन अच्छा, लेकिन सवाल कुलदीप पर
टीम इंडिया ने इंग्लैंड में अब तक खेले गए तीन टेस्ट मुकाबलों में संतोषजनक प्रदर्शन किया है। गेंदबाजों ने बेहतरीन लाइन और लेंथ के साथ इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान किया है, लेकिन इसके बावजूद कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली है। इस बारे में जब उनके कोच कपिल पांडेय से पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा कि “टीम इंडिया की जीत ज़रूरी है, लेकिन कुलदीप जैसा टैलेंट बेंच पर बैठा रहे, ये सवाल खड़े करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि भले ही अभी तक तेज गेंदबाजों ने अच्छा काम किया हो, पर इंग्लैंड की पिचों पर स्पिनर्स की भूमिका भी अहम हो सकती है, खासकर जब मैच ओल्ड ट्रैफर्ड जैसे स्पिन-अनुकूल विकेट पर खेला जाए।
कुलदीप की फिटनेस और फॉर्म दोनों शानदार
कपिल पांडेय ने यह भी कहा कि कुलदीप यादव पूरी तरह से फिट हैं और निरंतर अभ्यास में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुलदीप से उनकी हाल ही में बातचीत हुई है, और वह हर मौके के लिए तैयार हैं। कोच के अनुसार, “वह शानदार फॉर्म में है और जब भी उसे खेलने का मौका मिलेगा, वह दमदार प्रदर्शन करेगा।”
पिछले एक साल में कुलदीप ने वनडे और टी20 दोनों फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने एशिया कप, विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय टीम को कई बार जीत दिलाई है। इसीलिए चौथे टेस्ट में उन्हें मौका दिए जाने की उम्मीदें तेज हो गई हैं।
 
															बल्लेबाजी नहीं, गेंदबाजी पर हो ध्यान
कोच कपिल पांडे ने चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट पर हल्का कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि कुलदीप को टीम से बाहर रखने का कारण उनकी बल्लेबाजी है। लेकिन एक स्पेशलिस्ट स्पिनर से आप बल्लेबाजी में 100 रन की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “कुलदीप यादव का काम है विकेट लेना, और वह इसमें देश के सबसे सफल स्पिनर्स में से एक हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस सीरीज में अब तक हार का कारण बल्लेबाज रहे हैं, ना कि गेंदबाज। ऐसे में, कुलदीप जैसे मैच विनर को नजरअंदाज करना एक बड़ी रणनीतिक भूल हो सकती है।
कुलदीप का टेस्ट रिकॉर्ड भी कमाल का
अब तक कुलदीप यादव ने 13 टेस्ट मैचों में 56 विकेट लिए हैं, जो एक बेहतरीन रिकॉर्ड है। हालांकि, उन्हें टेस्ट खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिल पाए हैं। इसकी एक बड़ी वजह टीम में रविंद्र जडेजा, आर. अश्विन, और वाशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडर्स की मौजूदगी रही है। ये खिलाड़ी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी योगदान देते हैं।
पर यह भी एक सच्चाई है कि जब भी कुलदीप को मौका मिला है, उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। उनकी चाइनामैन बॉलिंग स्टाइल, और लगातार इम्प्रूव होती बैटिंग उन्हें एक यूनिक पैकेज बनाती है।
चौथे टेस्ट में मिलेगा मौका?
अब जब सीरीज का चौथा टेस्ट ओल्ड ट्रैफर्ड में होने वाला है, जहां की पिच स्पिनरों के लिए जानी जाती है, ऐसे में सवाल उठ रहा है – क्या कुलदीप को मिलेगा मौका?
टीम इंडिया के पास मौका है कि वो रोटेशन के तहत किसी तेज गेंदबाज को आराम देकर कुलदीप को शामिल करे। इससे बॉलिंग अटैक और विविधता वाला होगा और इंग्लिश बल्लेबाजों को चौंकाने का भी मौका मिलेगा।
गौतम गंभीर पर भी उठे सवाल
				कुलदीप यादव के लगातार बाहर रहने पर कुछ आलोचकों ने टीम मैनेजमेंट के सलाहकारों और चयनकर्ताओं की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। गौतम गंभीर, जो हाल ही में टीम इंडिया से जुड़े हैं, को लेकर भी कुछ आलोचक कह रहे हैं कि शायद उनकी रणनीति में कुलदीप को प्राथमिकता नहीं दी गई। हालांकि, यह पूरी तरह से टीम का निर्णय होता है, लेकिन जब कोई खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन करे और फिर भी बाहर बैठा रहे, तो सवाल उठना लाज़मी है।






















