
गुजरात के वडोदरा ज़िले में महिसागर नदी पर बना एक पुल अचानक ढह गया, जिससे कई परिवारों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई। इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। इस हादसे ने खासतौर से पादरा तहसील के मुजपुर गांव की एक महिला के जीवन को गहरे ज़ख्म दिए हैं।
पति और दो बच्चों को खो चुकी सोनम की कहानी रुला देने वाली है
मुजपुर की रहने वाली सोनम पढियार, अपने पति और दो बच्चों के साथ अमरेली स्थित बगदाना तीर्थ जा रही थीं। यह यात्रा गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर की जा रही थी। लेकिन जैसे ही उनकी कार पुल के बीचोंबीच पहुँची, अचानक से पुल का एक हिस्सा भरभरा कर नीचे गिर गया। उस वक्त एक भारी ट्रक उनकी कार पर आ गिरा, जिससे आगे बैठे पति और दोनों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई।
मौत से बचीं, लेकिन जिंदगी हार गई
सोनम ने बताया कि वो कार के पीछे बैठी थीं। हादसे के बाद उन्होंने पीछे की खिड़की को तोड़कर किसी तरह खुद को बाहर निकाला। लगभग एक घंटे तक वो मदद के लिए चिल्लाती रहीं, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने अपने हाथों से अपने चार साल की बेटी वैदिका, दो साल के बेटे नैतिक और पति को खोते देखा। अब उनके लिए ज़िंदगी पहले जैसी नहीं रही।
पुराना पुल, बार-बार की गई अनदेखी
बताया जा रहा है कि यह पुल वर्ष 1986 में बनाया गया था और 2022 से ही इसकी हालत को लेकर चिंता जताई जा रही थी। कई बार मांग की गई कि भारी वाहनों की आवाजाही इस पर बंद की जाए, लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। हादसे के बाद ब्रिज निर्माण से जुड़ी एजेंसी UP स्टेट ब्रिज कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, लखनऊ को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।