गोरखपुर में शिवरात्रि पर सीएम योगी ने किया रुद्राभिषेक, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए की प्रार्थना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन मास की शिवरात्रि पर गोरखपुर स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक आराधना की। इस विशेष मौके पर मुख्यमंत्री ने रुद्राभिषेक कर समस्त प्रदेशवासियों के आरोग्य, सुख, समृद्धि और शांति की मंगलकामना की। उनके साथ सांसद रविकिशन, गोरखनाथ मंदिर के पुजारीगण और अन्य विशिष्ट लोग भी इस अनुष्ठान में सम्मिलित हुए।


🌿 शिव की उपासना का पावन अवसर: सावन शिवरात्रि

हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस मास में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। खासकर सावन की शिवरात्रि का अत्यधिक महत्व होता है। यह दिन भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आता है। इसी पावन अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा की।


🕉️ मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक और अनुष्ठान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखपुर के अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर पहुंचे, जो गोरखपुर का एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक शिवालय माना जाता है। यहाँ उन्होंने विधिवत रूप से रुद्राभिषेक किया।

पूजन की प्रक्रिया में उन्होंने भगवान शिव को बेलपत्र, कमल पुष्प, दुर्वा, चंदन, धतूरा, और अनेक पूजन सामग्रियां अर्पित कीं। इसके बाद जल, गाय के दूध और गन्ने के रस से भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया गया।

पूरे कार्यक्रम के दौरान मंत्रोच्चार से वातावरण पावन हो उठा। मुख्यमंत्री ने शिवलिंग पर अर्पण करते हुए कहा कि “भोलेनाथ सभी प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति प्रदान करें।”


🔔 वैदिक मंत्रों के साथ हवन और आरती

रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेदाचार्यों और पुजारियों की अगुवाई में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन में आहुतियां दीं। गोरखनाथ मंदिर के विद्वत पुरोहितों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी मंत्रों का पाठ करते हुए संपूर्ण पूजन कराया।

अंत में सीएम योगी ने महाआरती में भाग लिया और सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ मिलकर भगवान शिव की स्तुति की।


🙏 सामूहिक प्रार्थना और जनकल्याण की भावना

सीएम योगी आदित्यनाथ की इस पूजा का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक भी था। उन्होंने यह प्रार्थना की कि उत्तर प्रदेश में सभी लोग सुरक्षित, स्वस्थ और समृद्ध रहें। “भगवान शिव की कृपा से उत्तर प्रदेश में सुख, शांति और विकास बना रहे,” यह उनका मुख्य संदेश था।

इस सामूहिक प्रार्थना में हजारों लोगों ने सोशल मीडिया और स्थानीय प्रसारण माध्यमों के जरिए भागीदारी की और सरकार के इस धार्मिक-सांस्कृतिक पहल को सराहा।


👥 विशिष्ट जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

इस अवसर पर गोरखपुर सांसद रविकिशन शुक्ल, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, और एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह सहित कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

इन सभी ने मिलकर भगवान शिव से उत्तर प्रदेश और भारत देश के कल्याण की प्रार्थना की। उनके अनुसार, “यह सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि संकल्प है—समृद्ध प्रदेश और आध्यात्मिक विकास का।”


🚩 कांवड़ यात्रा और शिव भक्तों की श्रद्धा

गौरतलब है कि सावन मास में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। देशभर से लाखों शिवभक्त जल लेकर शिवालयों में पहुंचते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। सावन की शिवरात्रि के दिन कांवड़ियों की भीड़ मंदिरों में उमड़ पड़ती है। गोरखपुर और आसपास के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई।

मुख्यमंत्री ने भी कांवड़ियों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए प्रशासन को सख्त निर्देश दे रखे हैं। पूरे सावन मास में जगह-जगह चिकित्सा शिविर, जलपान व्यवस्था और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।


🛕 काशी विश्वनाथ और रामलला के भी किए दर्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। इससे पहले वे काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ की पूजा कर चुके हैं। उन्होंने अयोध्या में रामलला के भी दर्शन किए थे और राम मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा भी की थी।

इन यात्राओं से यह स्पष्ट होता है कि सीएम योगी अपने प्रशासनिक कर्तव्यों के साथ-साथ धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं को भी प्राथमिकता देते हैं।


🌼 धार्मिकता और शासन का समन्वय

योगी आदित्यनाथ एक ऐसे नेता हैं जो गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर होने के नाते धार्मिक परंपराओं को गहराई से समझते हैं। वे न केवल धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक पहलुओं को भी ध्यान में रखते हैं।

इस प्रकार की पूजा-अर्चना केवल आस्था की अभिव्यक्ति नहीं होती, बल्कि इससे प्रदेशवासियों को यह विश्वास भी मिलता है कि उनका नेतृत्व संवेदनशील, आध्यात्मिक और जनहितकारी है।

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