
अगर आप भी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं या करने का सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक ताज़ा रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेड करने वाले 91% निवेशकों को घाटा हुआ है।
📉 डेरिवेटिव्स में घाटे की कहानी
SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में इक्विटी डेरिवेटिव्स (Equity Derivatives Segment – EDS) में शामिल आम निवेशकों का भारी नुकसान हुआ है। ये वही ट्रेंड है जो पिछले साल भी देखा गया था।
FY 2024 में: नुकसान ₹74,812 करोड़
FY 2025 में: बढ़कर ₹1,05,603 करोड़ (यानी 41% की बढ़ोतरी)
यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत ट्रेडर्स ने ज्यादा एक्टिविटी की, लेकिन फायदा की बजाय नुकसान बढ़ा।
📊 F&O ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव
Futures & Options (F&O) ट्रेडिंग करने वालों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 20% की गिरावट देखी गई है।
हालांकि, दो साल पहले के मुकाबले अब भी 24% ज्यादा लोग इस सेगमेंट में एक्टिव हैं।
SEBI ने यह अध्ययन खासतौर पर दिसंबर 2024 से मई 2025 तक के डाटा को ध्यान में रखते हुए किया है।
🚫 Jane Street विवाद: बड़ा सबक
इस रिपोर्ट के साथ ही एक और बड़ी खबर आई — SEBI ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street को भारतीय शेयर बाजार से बैन कर दिया।
आरोप यह था कि Jane Street ने बड़ी डेरिवेटिव पोजीशन लेकर इंडेक्स में हेरफेर किया, जिससे रिटेल निवेशकों को बड़ा घाटा हुआ।
SEBI का कहना है कि Jane Street जैसे मामलों से निपटने के लिए सर्विलांस सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है।
🔍 SEBI चेयरमैन का बयान
SEBI प्रमुख तुहिन कांत पांडे ने स्पष्ट किया कि Jane Street का मामला “सिर्फ एक सर्विलांस चूक” थी, लेकिन इससे सीखा गया कि सिस्टम को और मजबूत बनाना ज़रूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे और बड़े खतरे फिलहाल नजर नहीं आ रहे, लेकिन रेगुलेशन और मॉनिटरिंग और सख्त की जाएगी।
📢 निवेशकों के लिए चेतावनी
“डेरिवेटिव्स में मुनाफा जितना बड़ा लग सकता है, जोखिम उससे कहीं ज्यादा होता है। बिना समझ और रिसर्च के ट्रेडिंग करने वाले ज्यादातर निवेशकों को घाटा होता है।”
अगर आप शेयर मार्केट में एक्टिव हैं, तो यह समय है संभलने का। खासतौर पर F&O सेगमेंट में बिना योजना के ट्रेडिंग करना भारी पड़ सकता है।