
दिल्ली की महिलाओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐलान किया है कि अब दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा केवल दिल्ली निवासी महिलाओं को ही मिलेगी। साथ ही यह सुविधा अब पुराने तरीके से नहीं बल्कि डिजिटल ‘पिंक पास’ के रूप में दी जाएगी, जिससे यात्रा और पहचान में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
अब सिर्फ दिल्ली की महिलाओं को ही मिलेगा फ्री बस पास
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 17 जुलाई को नंदनगरी डिपो में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह स्पष्ट किया कि अब DTC की बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ केवल दिल्ली की मूल निवासी महिलाओं को ही मिलेगा। यानी जो महिलाएं दिल्ली से बाहर की हैं – जैसे NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों से रोजाना काम या पढ़ाई के लिए दिल्ली आती हैं – वे इस सुविधा की पात्र नहीं होंगी। उन्हें बस यात्रा के लिए किराया देना होगा।
पिंक टिकट की जगह आएगा पिंक पास
अब तक महिलाएं DTC या क्लस्टर बसों में सफर करते हुए बस में पिंक टिकट लेकर मुफ्त यात्रा करती थीं। यह व्यवस्था 2019 में आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार द्वारा शुरू की गई थी। लेकिन अब इस पद्धति को हटाकर सरकार ‘पिंक पास’ लागू करने जा रही है, जो कि पूरी तरह से डिजिटल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम जल्द ही पिंक पास लागू करेंगे, जो कि पहचान आधारित होगा। इससे केवल दिल्ली की महिलाएं ही इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगी और बाहर की महिलाओं को किराया देना होगा।”
IIT की मदद से नया बस रूट प्लान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने भाषण में यह भी कहा कि उनकी सरकार 65000 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे DTC को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में IIT दिल्ली की मदद से राजधानी में नए और स्मार्ट बस रूट्स की योजना तैयार की जा रही है ताकि अधिकतर महिलाओं और यात्रियों को सुगम और सुरक्षित परिवहन मिल सके।
कैसे मिलेगा ‘पिंक पास’?
‘पिंक पास’ योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को एक डिजिटल स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा जिसे ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ नाम दिया गया है। यह कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) सिस्टम के अंतर्गत जारी किया जाएगा, जो पहले से दिल्ली और नोएडा मेट्रो में लागू है।
इस कार्ड को प्राप्त करने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
आधार कार्ड
पैन कार्ड
दिल्ली का निवास प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली बिल, किराए की रसीद, आदि)
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक के केवाईसी दस्तावेज
प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और जल्द ही इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा, जहां महिलाएं आवेदन कर सकेंगी।
2019 में शुरू हुई थी मुफ्त बस यात्रा योजना
गौरतलब है कि दिल्ली में महिलाओं के लिए DTC और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की योजना पहली बार अक्टूबर 2019 में लागू की गई थी। तब महिलाओं को बस में चढ़ने के बाद पिंक टिकट दिया जाता था, जो यात्रा के दौरान फ्री सेवा का प्रमाण होता था। लेकिन उस समय किसी प्रकार का पहचान पत्र या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं थी, जिससे दिल्ली के बाहर की महिलाएं भी इस योजना का लाभ ले रही थीं।
नई व्यवस्था के अनुसार, अब केवल दिल्ली निवासी महिलाएं, जिनकी पहचान और निवास प्रमाण पत्र सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, वही इस योजना का लाभ उठा सकेंगी।
AAP और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप
नई योजना की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार दिल्ली की आम जनता की सुविधाओं को खत्म कर रही है। AAP नेताओं का कहना है कि मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन जैसी योजनाएं जो पहले सभी के लिए समान रूप से लागू थीं, अब उन पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से जवाब दिया गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ, जिससे DTC को गंभीर वित्तीय नुकसान हुआ है। BJP प्रवक्ताओं का कहना है कि वर्तमान सरकार सुधारात्मक कदम उठा रही है और इस योजना का मकसद पारदर्शिता और आर्थिक संतुलन को बहाल करना है।
सुरक्षा और डेटा ट्रैकिंग पर फोकस
सरकार का यह भी कहना है कि स्मार्ट कार्ड व्यवस्था के आने से हर महिला की पहचान, यात्रा विवरण, और कार्ड की वैधता आसानी से ट्रैक की जा सकेगी। इससे न केवल अनधिकृत यात्रियों को रोका जा सकेगा, बल्कि भविष्य में योजना का आकलन और विस्तार भी तकनीकी आधार पर संभव होगा।
निष्कर्ष: क्या बदलेगी महिलाओं की यात्रा?
दिल्ली सरकार के इस नए फैसले का सीधा असर दिल्ली से बाहर की कामकाजी और पढ़ने वाली महिलाओं पर पड़ेगा। NCR से आने वाली हजारों महिलाएं जो अब तक मुफ्त यात्रा का लाभ ले रही थीं, उन्हें अब यह सुविधा नहीं मिलेगी। हालांकि दिल्ली की महिलाओं के लिए यह योजना एक सशक्तिकरण और सुरक्षा का प्रतीक बनी रहेगी, लेकिन इसकी पहुंच अब सीमित कर दी गई है।
फिलहाल योजना को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है, और सरकार की मंशा है कि आने वाले महीनों में यह बदलाव पूरी तरह जमीन पर उतार दिया जाए। लेकिन इसके साथ ही सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई महिला इस बदलाव से अनावश्यक रूप से परेशान न हो, और उन्हें कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया में सरलता मिले।