 
									पंजाब के बटाला शहर में गुरुवार की रात एक बड़ी वारदात हुई, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया।
मशहूर गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां हरजीत कौर और उनके करीबी सहयोगी करनवीर सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना उस समय घटी जब दोनों तरनतारन से अदालती पेशी के बाद लौट रहे थे।
कैसे हुआ हमला?
रात करीब 10:45 बजे, जब हरजीत कौर की कार कादियान रोड पर पहुंची, तभी बाइक पर आए तीन लोगों ने कार पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
हरजीत कौर कौन थीं?
हरजीत कौर मूल रूप से भगवानपुर गांव की रहने वाली थीं और पूर्व सरपंच भी रह चुकी थीं।
वे सामाजिक रूप से सक्रिय थीं और अर्बन एस्टेट में निवास कर रही थीं।
जेल में बंद बेटे की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कई बार अदालत में याचिकाएं भी दायर की थीं।
2022 में उन्होंने अदालत से अपील की थी कि उनके बेटे को हिरासत में बुलेटप्रूफ जैकेट दी जाए।
करनवीर सिंह की भूमिका
करनवीर सिंह, जो भिक्खोवाल गांव का रहने वाला था, जग्गू भगवानपुरिया के पूरे नेटवर्क को संभालता था।
कहा जाता है कि उसके पास ही संपत्ति, हथियारों और पैसे की जिम्मेदारी थी।
इस वजह से वह कई गैंग्स के निशाने पर था।
कौन है जग्गू भगवानपुरिया?
जग्गू का असली नाम जगदीप सिंह है।
वह एक कुख्यात अपराधी है, जिस पर 2012 से अब तक 128 से अधिक केस दर्ज हैं।
इनमें हत्या, वसूली, ड्रग्स की तस्करी और अवैध हथियारों के मामले शामिल हैं।
वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी आरोपी है।
हाल ही में उसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बठिंडा जेल से गिरफ्तार कर सिलचर सेंट्रल जेल (असम) में शिफ्ट किया था।
क्या बंबीहा गिरोह का हाथ?
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई है, जिसमें हरियाणा के दो गैंगस्टर – प्रभु दासवाल और कौशल चौधरी ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
माना जा रहा है कि ये दोनों बंबीहा गैंग से जुड़े हैं।
हालांकि, पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
पोस्ट के अनुसार, करनवीर ही असली टारगेट था, क्योंकि वह जग्गू के सभी अवैध कार्यों का संचालन करता था।
पोस्ट में कहा गया कि इस हत्या के जरिए उन्होंने अपने साथी गोरे बरियार की मौत का बदला लिया है।
पुलिस क्या कर रही है?
पंजाब पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है।
फिलहाल सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जा रही है।
यह स्पष्ट है कि यह मामला पंजाब में फिर से गैंगवार के दौर की वापसी की चेतावनी दे रहा है।






















