पाकिस्तान को मिला अरबों का कर्ज, पांच UAE बैंकों ने मिलाया हाथ

अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात | 2025

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को एक और बड़ा कर्ज मिला है। दैनिक ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल हो चुका है और वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है। इस बार जवाब आया संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से।

पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का नया लोन मिला है, जो पांच साल की अवधि के लिए है। इस फाइनेंस सुविधा को ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ कहा जाता है, जिसमें कई बैंक मिलकर एक ही कर्जदाता को फंड मुहैया कराते हैं।


किन बैंकों ने दिया यह कर्ज?

पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस कर्ज को छह बैंकों ने मिलकर मंजूरी दी है। इनमें शामिल हैं:

  • दुबई इस्लामिक बैंक (मुख्य समन्वयक)

  • स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (प्रमुख प्रबंधक)

  • अबू धाबी इस्लामिक बैंक

  • शारजाह इस्लामिक बैंक

  • अजमान बैंक

  • एचबीएल (हबीब बैंक लिमिटेड)

वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह लेन-देन एशियाई विकास बैंक (ADB) की आंशिक गारंटी के तहत किया गया है, जिससे पाकिस्तान की वित्तीय विश्वसनीयता को बल मिला है।


पहले भी मिली थी मदद

इस महीने की शुरुआत में, फिलीपींस स्थित एक बैंक ने पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर का समर्थन दिया था। इसका उद्देश्य था वहां की राजकोषीय स्थिरता को बेहतर बनाना और पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सुधारना।


क्या है इसका महत्व?

पाकिस्तान ने लगभग ढाई साल बाद पश्चिम एशिया के फाइनेंस मार्केट में फिर से एंट्री ली है। इसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार और बाज़ार में बढ़ते भरोसे का संकेत माना जा रहा है।

वित्त मंत्री के सलाहकार खुर्रम शहजाद ने भी इस सौदे को “इतिहासिक वित्तपोषण” बताया और कहा कि ADB की गारंटी और मिडिल ईस्ट के बैंकों के समर्थन ने इस डील को मुमकिन बनाया।


IMF की मदद से टली थी बड़ी मुसीबत

2023-24 में पाकिस्तान पर दीवालिया होने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन IMF की मदद से उसने खुद को बचा लिया। बीते एक साल में उसने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए और 1.8 अरब डॉलर का चालू खाता अधिशेष दर्ज किया, जिसने वैश्विक निवेशकों का भरोसा फिर से जीत लिया।


निष्कर्ष:

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, लेकिन इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से उसे राहत जरूर मिल रही है। ADB की गारंटी और मिडिल ईस्ट के बैंकों का समर्थन पाकिस्तान के लिए नई संभावनाओं का रास्ता खोल सकता है।

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