 
									Nimisha Priya Latest News: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही चर्चाओं और मध्यस्थताओं के बीच एक बार फिर इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। भले ही बुधवार 16 मई 2025 को होने वाली फांसी को फिलहाल रोक दिया गया हो, लेकिन इस पर स्थायी राहत की कोई गारंटी नजर नहीं आ रही है।
तलाल अब्दो मेहदी के परिवार ने माफी या समझौते से किया इनकार
इस मामले में सबसे अहम मोड़ तब आया जब मारे गए यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी तरह की ब्लड मनी (खूनबहि) या समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यह एक गंभीर अपराध है, जिसमें कोई माफी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा – “खून को खरीदा नहीं जा सकता।”
अब्देलफत्ताह ने भारतीय मीडिया द्वारा निमिषा को पीड़ित बताए जाने पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि उनका परिवार किसी भी कीमत पर न्याय से समझौता नहीं करेगा। उनका कहना है कि दोषी को सजा-ए-मौत मिलनी ही चाहिए, और इसमें कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
निमिषा प्रिया के खिलाफ मामला 2017 का है जब वह यमन में एक नर्स के तौर पर कार्यरत थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या कर दी थी। बताया गया कि तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी दौरान निमिषा ने आत्मरक्षा का दावा करते हुए कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव के टुकड़े किए गए, जिससे मामला और अधिक सनसनीखेज बन गया।
यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत सुनाई थी। भारत सरकार और कई सामाजिक संगठनों ने इस फैसले को रोकने के लिए अनेक स्तरों पर प्रयास शुरू किए थे।
कैसे टली फांसी?
16 मई 2025 को निमिषा प्रिया को फांसी दी जानी थी। लेकिन भारत सरकार, विदेश मंत्रालय, सऊदी अरब में भारतीय मिशन और धार्मिक नेताओं की कोशिशों के चलते इस फांसी को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
कंठपुरम के ग्रैंड मुफ़्ती ए.पी. अबूबकर मुसलियार ने यमन की शूरा काउंसिल से संपर्क कर मध्यस्थता की कोशिशें तेज कर दी थीं। उनके हस्तक्षेप को महत्वपूर्ण माना गया। वहीं, केरल से राज्य माकपा सचिव एम. वी. गोविंदन ने भी पुष्टि की कि मुसलियार ने उन्हें सजा को स्थगित किए जाने की सूचना दी है और कई पहलुओं पर बातचीत जारी है।
‘ब्लड मनी’ का प्रस्ताव और परिवार का इंकार
सजा टालने के समय यह कहा गया था कि निमिषा के परिवार को समय दिया जाएगा ताकि वे तलाल के परिवार को ब्लड मनी के लिए मना लें। लेकिन तलाल के भाई अब्देलफत्ताह ने कहा है कि उनका परिवार पहले ही सभी ऑफर खारिज कर चुका है। उन्होंने दो टूक कहा:
“हम न्याय चाहते हैं, कोई माफ़ी नहीं। यह अपराध क्षमा योग्य नहीं है।”
‘अल्लाह हमारे साथ है’ – अब्देलफत्ताह का बयान
अपने बयानों में अब्देलफत्ताह मेहदी ने अल्लाह पर भरोसा जताया और कहा कि न्याय जरूर होगा, भले ही उसमें समय लगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी यह लिखा कि यह सिर्फ कुछ वक्त की बात है, और “अल्लाह हमारे साथ है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि सजा को टालना न्याय से भागना नहीं है – “हम रुकने वाले नहीं हैं।”
भारतीय मीडिया पर नाराजगी
अब्देलफत्ताह ने भारतीय मीडिया के कुछ हिस्सों पर यह आरोप लगाया कि वे निमिषा प्रिया को एक पीड़ित की तरह पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रवैया अनुचित है, क्योंकि उनके भाई की हत्या की गई है और अपराध को लेकर किसी तरह की सहानुभूति नहीं दिखाई जानी चाहिए।




















