
इज़रायल ने सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा अत्याधुनिक हथियार विकसित किया है, जो ना दिखाई देता है, ना आवाज करता है — लेकिन दुश्मन के पूरे सिस्टम को अंदर से जाम कर देता है। इस तकनीक को “स्कॉर्पियस” नाम दिया गया है, और यह दुनिया की सबसे उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक युद्ध प्रणाली में से एक मानी जा रही है।
दुश्मन को खबर भी नहीं लगेगी…
यह नई टेक्नोलॉजी किसी मिसाइल या बम की तरह हमला नहीं करती, बल्कि यह ध्वनि या प्रकाश की बजाय, ऊर्जा की सूक्ष्म किरणों का इस्तेमाल करती है — इतनी सटीकता से कि सिर्फ वही लक्ष्य प्रभावित होता है, जिसे सिस्टम चुनता है। आसपास की किसी और चीज़ को नुकसान नहीं पहुंचता।
स्कॉर्पियस तकनीक दुश्मन के:
रडार
संचार उपकरण
नेविगेशन सिस्टम
ड्रोन व एयरक्राफ्ट कमांड
…इन सब को बिना शोर किए ठप कर सकती है।
“सॉफ्ट प्रोटेक्शन” लेकिन असर घातक
इसे “सॉफ्ट डिफेंस सिस्टम” की श्रेणी में रखा जाता है — यानी यह खुद से हमला नहीं करता, लेकिन दुश्मन के हथियारों को लड़ने लायक ही नहीं छोड़ता।
इज़रायल के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में युद्ध की परिभाषा बदल सकती है — जहां कोई गोली नहीं चलेगी, लेकिन पूरा कम्युनिकेशन सिस्टम बैठ जाएगा।
एक साथ कई दिशाओं में काम करता है
यह तकनीक एक साथ कई दिशाओं में काम करने में सक्षम है, और यह पहचान सकती है कि आकाश में कौन-कौन सी डिवाइसें या विमान मौजूद हैं। चाहे ड्रोन हो, मिसाइल हो या लड़ाकू विमान — स्कॉर्पियस उन्हें ट्रैक कर सिग्नल जैम कर सकता है।
क्या अब युद्ध अदृश्य किरणों से लड़े जाएंगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में युद्ध सिर्फ मैदान या आकाश में नहीं, बल्कि सिग्नल और तकनीक की लड़ाई के रूप में होंगे। जो देश इन अदृश्य हथियारों में आगे होगा, वही निर्णायक बढ़त हासिल करेगा।
निष्कर्ष
जहाँ दूसरे देश अभी भी पारंपरिक हथियारों में निवेश कर रहे हैं, वहीं इज़रायल ने दिखा दिया है कि असली ताकत अब उस हथियार में है, जो नज़र नहीं आता — लेकिन असर दिखा जाता है।
भविष्य की जंगें अब शायद राइफल या टैंक से नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक तरंगों और डेटा ब्लॉकर्स से लड़ी जाएंगी।