 
									हर साल लाखों छात्र संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं। यह भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। कई बार अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा पार कर लेते हैं, लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट में नाम न आने के कारण उनका सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में न केवल उनका मनोबल टूटता है, बल्कि करियर को लेकर असमंजस भी पैदा होता है।
लेकिन अब इन अभ्यर्थियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण नजर आई है। UPSC ने अब ऐसे उम्मीदवारों की प्रोफाइल निजी कंपनियों के साथ साझा करना शुरू कर दिया है, जो परीक्षा पास तो कर लेते हैं लेकिन अंतिम चयन सूची में नहीं आ पाते।
क्यों है ये कदम अहम?
सिविल सेवा की तैयारी में अभ्यर्थी केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि अनुशासन, नेतृत्व, प्रशासनिक सोच और रणनीतिक कौशल भी विकसित करते हैं। ऐसे में यदि वे अंतिम चयन सूची में नहीं आ पाते हैं, तो यह क्षमताएं व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।
UPSC द्वारा हाल ही में शुरू किए गए इस प्रयास का उद्देश्य यह है कि इन उम्मीदवारों को वैकल्पिक करियर विकल्प मिले, खासकर निजी क्षेत्र में।
UPSC ने कैसे शुरू की ये पहल?
UPSC ने एक स्पेशल पोर्टल लॉन्च किया है जहां अंतिम चयन सूची में नाम न आने वाले उम्मीदवार अपनी प्रोफाइल रजिस्टर कर सकते हैं। यह पोर्टल खासतौर पर उन उम्मीदवारों के लिए है जो सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन चयन नहीं हो पाया।
इस पोर्टल पर उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, परीक्षा प्रदर्शन और अन्य जानकारियां मौजूद रहती हैं। निजी क्षेत्र की कंपनियां इस डेटा को एक्सेस कर सकती हैं और उपयुक्त उम्मीदवारों से संपर्क कर सकती हैं।
अरुण कुमार की कहानी – एक मिसाल
नई दिल्ली के रहने वाले अरुण कुमार की कहानी हजारों अभ्यर्थियों की कहानी को दर्शाती है। अरुण ने सिविल सेवा की तैयारी में कई साल दिए। वे एक बार इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंचे लेकिन फाइनल कट-ऑफ से चूक गए। उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगा था, और निजी सेक्टर में भी उन्हें मौका नहीं मिल रहा था क्योंकि उनका प्रोफेशनल अनुभव सीमित था।
इसी दौरान उन्हें UPSC पोर्टल की जानकारी मिली। उन्होंने अपनी प्रोफाइल वहां अपलोड की और कुछ ही हफ्तों में एक कॉर्पोरेट कंपनी ने उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया। उनका चयन एक पॉलिसी एनालिस्ट की भूमिका में हुआ और अब वे नीतिगत फैसलों में योगदान दे रहे हैं।
निजी कंपनियों को क्यों पसंद आ रहे हैं ये उम्मीदवार?
- एनालिटिकल स्किल्स: UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों में समस्या-सुलझाने की बेहतर क्षमता होती है। 
- लीडरशिप और डिसिप्लिन: परीक्षा की लंबी प्रक्रिया में अनुशासन और नेतृत्व गुण अपने आप विकसित हो जाते हैं। 
- गवर्नेंस की समझ: इन युवाओं को भारत की प्रशासनिक प्रणाली और नीतियों की गहरी समझ होती है। 
- कम्युनिकेशन स्किल्स: इंटरव्यू तक पहुंचने वाले उम्मीदवारों की बातचीत की क्षमता आम उम्मीदवारों से बेहतर होती है। 
कौन कर सकता है आवेदन?
- वे उम्मीदवार जो UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे हों लेकिन फाइनल चयन नहीं हुआ हो। 
- वे उम्मीदवार जिनके पास शैक्षणिक योग्यता और प्रशासनिक समझ हो। 
- इच्छुक अभ्यर्थी UPSC का विशेष पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। 
प्रक्रिया क्या है?
- पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें 
- अपनी शैक्षणिक, परीक्षा और प्रोफेशनल जानकारी दर्ज करें 
- रिज्यूमे और अनुभव संबंधित जानकारी अपलोड करें 
- निजी कंपनियां आपकी प्रोफाइल देख सकेंगी 
- इंटरव्यू कॉल और जॉब ऑफर मिलने की संभावना बढ़ेगी 
भविष्य की राह क्या है?
इस पहल के जरिए न केवल युवाओं को एक वैकल्पिक करियर का मौका मिलेगा, बल्कि भारत के कॉर्पोरेट सेक्टर को भी प्रशिक्षित, प्रतिबद्ध और गवर्नेंस-केंद्रित युवा मिलेंगे। आने वाले समय में यह पहल बड़ी कंपनियों, थिंक टैंक्स, पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स और एडमिनिस्ट्रेटिव रोल्स में UPSC बैकग्राउंड वाले युवाओं की मांग बढ़ा सकती है।




















