 
									वृंदावन/मथुरा: जब कोई कहता है कि उम्र केवल एक संख्या है, तो बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी उस बात को जीवंत कर देती हैं। 76 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने अपने सौंदर्य, शालीनता और कलात्मक प्रस्तुति से एक बार फिर से देशभर के प्रशंसकों का दिल जीत लिया। हाल ही में वृंदावन के राधा रमण मंदिर में हुए ‘सेवा अमृत महोत्सव’ के अवसर पर उन्होंने 30 मिनट की भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
💃 भरतनाट्यम में हेमा की भव्य वापसी
भारतीय शास्त्रीय नृत्य की परंपरा को जीवंत रखने वाली हेमा मालिनी ने इस कार्यक्रम में भरतनाट्यम नृत्य के माध्यम से न केवल कला को श्रद्धांजलि दी, बल्कि अपने व्यक्तित्व और अनुशासन का परिचय भी दिया। डांस के हर भाव, मुद्राओं और ताल के साथ उनका तालमेल इतना परफेक्ट था कि दर्शक उन्हें अपलक देखते रह गए।
यह नृत्य सिर्फ कला का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति, नारी गरिमा और समर्पण का एक दिव्य रूप भी था। उम्र के इस पड़ाव पर भी हेमा मालिनी का मंच पर आत्मविश्वास और शारीरिक संतुलन काबिल-ए-तारीफ रहा।
👗 पारंपरिक वेशभूषा में रची एक मोहक छवि
डांस प्रस्तुति के लिए हेमा ने तमिलनाडु की पारंपरिक भरतनाट्यम ड्रेस पहनी, जो एक विशेष प्रकार की रेशमी साड़ी होती है। उनकी साड़ी का रंग संयोजन — हरा और नीला — बेहद आकर्षक और सौम्य था। फ्रंट प्लीट्स और किनारों पर पारंपरिक गोल्डन बॉर्डर ने इस वेश को खास बना दिया।
उन्होंने इसके साथ शॉर्ट स्लीव्स वाला मैचिंग ब्लाउज पहना जो उनके शारीरिक संतुलन को सहजता से दर्शा रहा था। वेशभूषा में ऐसा संतुलन कम ही देखने को मिलता है, जब रंग, डिजाइन और उपयोगिता – तीनों एकसाथ सटीक हों।
🌸 गजरे से सजी जूड़े की शोभा
हेमा के बालों का जूड़ा हमेशा उनके पारंपरिक लुक की पहचान रहा है। इस बार भी उन्होंने मोगरे के ताजे फूलों से बना गजरा पहना, जिसने उनके हेयरस्टाइल को भव्यता दी। खास बात यह रही कि जूड़े पर गजरे के साथ-साथ खुले गजरे की परत भी थी, जो डांस के दौरान उनकी हर मूवमेंट को सौंदर्यपूर्ण बनाती रही।
गजरा केवल एक सजावट नहीं बल्कि नारी साज-श्रृंगार का सांस्कृतिक प्रतीक है और हेमा इसे मंच पर जीवंत कर रही थीं।
💎 गहनों में दिखी पारंपरिक भारतीय शान
हेमा मालिनी की जूलरी हमेशा उनके ड्रेसिंग की शान रही है। इस बार उन्होंने तीन स्तरों वाले हार पहनकर पारंपरिक भारतीय स्त्री की छवि को नया अर्थ दिया। इन हारों में से एक लॉन्ग नेकलेस, दूसरा मिड लेंथ और तीसरा चोकर था — जिससे उनका लुक लेयरिंग इफेक्ट से भरा दिखा।
उनकी माथा पट्टी, झूमके और कंगन भी पूरी तरह से भरतनाट्यम के पारंपरिक लुक के अनुरूप थे। झुमकों में पर्ल की डिटेलिंग और हाथों में लाल चूड़ियां और कड़े – सभी ने मिलकर इस रूप को सम्पूर्ण बनाया। यह केवल श्रृंगार नहीं था, बल्कि एक सांस्कृतिक चित्रण था।
👣 पैरों में घुंघरू की रुनझुन
भारतीय शास्त्रीय नृत्य में घुंघरू का स्थान केंद्रीय होता है। हेमा मालिनी ने भी अपने पैरों में घुंघरू पहने जो उनके हर स्टेप और पैंतरे के साथ बजते रहे। यह न केवल सौंदर्य का प्रतीक था, बल्कि परफॉर्मेंस में लय, गति और ध्वनि का अद्भुत संगम भी बनाता रहा।
घुंघरुओं की रुनझुन और हेमा की भाव-भंगिमाएं दर्शकों को राधा-कृष्ण की लीलाओं की याद दिला रही थीं।
🌟 फैंस को किया मंत्रमुग्ध
हेमा मालिनी का यह लुक और प्रदर्शन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे कि 76 की उम्र में भी वह इतनी ऊर्जावान, खूबसूरत और प्रेरणादायक कैसे हैं। यह उनके अनुशासन, संयम और संस्कृति से जुड़े रहने का ही परिणाम है।
उनके एक फैन ने लिखा, “हेमा जी समय से परे हैं। वो कला की जीवित प्रतिमा हैं।” एक अन्य ने कहा, “आज की अभिनेत्रियाँ भी इनसे प्रेरणा लें, कि असली सुंदरता क्या होती है।”
🪷 ड्रीम गर्ल की छवि आज भी जीवंत
हेमा मालिनी ने एक बार फिर दिखा दिया कि वे सिर्फ सिनेमा की ड्रीम गर्ल नहीं, बल्कि भारतीय नारी संस्कृति की जीती-जागती मिसाल हैं। उनका यह प्रदर्शन न केवल कलात्मक था, बल्कि आज की पीढ़ी को भारतीय मूल्यों और परंपराओं से जोड़ने वाला संदेश भी था।
वह मंच पर जितनी खूबसूरत लगीं, उतनी ही प्रेरक भी। उम्र को चुनौती देती उनकी मुस्कान, शालीनता और प्रस्तुति — सभी ने यह सिद्ध किया कि खूबसूरती का असली जादू आत्मा से निकलता है।




















