
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है या किसी पुराने चोट का असर गहराता है, घुटनों का दर्द जीवन की रफ्तार को धीमा कर देता है। कई बार यह दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि साधारण इलाज कारगर नहीं रह पाता। ऐसे में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी एक व्यावहारिक विकल्प बनकर सामने आती है।
🦵 घुटना रिप्लेसमेंट कब कराया जाना चाहिए?
घुटना ट्रांसप्लांट की जरूरत तब होती है जब:
घुटनों में लगातार और तेज दर्द बना रहता है
चलने, उठने-बैठने या सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई होती है
दवाएं, फिजियोथेरेपी या घरेलू उपचार से कोई खास राहत नहीं मिलती
घुटने में सूजन, अकड़न या जकड़न लगातार बनी रहती है
💰 एक घुटने के रिप्लेसमेंट में कितना आता है खर्च?
भारत में एक घुटना बदलवाने की लागत लगभग ₹1.5 लाख से ₹6 लाख तक हो सकती है। यह कई चीजों पर निर्भर करता है:
सर्जरी करने वाले डॉक्टर की विशेषज्ञता और अनुभव
इस्तेमाल किए गए इम्प्लांट की क्वालिटी
मरीज की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति
अस्पताल की सुविधाएं और लोकेशन
🩺 क्या यह खर्च इंश्योरेंस कवर करता है?
आजकल ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां नी रिप्लेसमेंट को अपनी पॉलिसी में शामिल करती हैं। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें हो सकती हैं:
पहले से एक्टिव पॉलिसी होना जरूरी है
कुछ मामलों में वेटिंग पीरियड हो सकता है
पहले से बीमारी घोषित करने की प्रक्रिया जरूरी है
🔐 क्या यह सर्जरी सुरक्षित है?
तकनीक के विकास के साथ, आज की घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी को सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। सर्जरी के बाद:
व्यक्ति सामान्य रूप से चल फिर सकता है
हल्के योग, वॉक या व्यायाम कर सकता है
रोजमर्रा के काम दर्द रहित तरीके से कर सकता है
⚠️ अंतिम बात: कब लेना चाहिए फैसला?
अगर दर्द आपकी जीवनशैली को बाधित कर रहा है और सामान्य इलाज से राहत नहीं मिल रही है, तो यह सर्जरी आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है।
हालांकि खर्च थोड़ा अधिक होता है, लेकिन यह आपके बेहतर भविष्य और सक्रिय जीवनशैली के लिए एक अहम निवेश हो सकता है। डॉक्टर से समय पर सलाह लें, इलाज के विकल्प समझें और निर्णय सोच-समझकर लें।