
हेग, नीदरलैंड्स में आयोजित NATO शिखर सम्मेलन 2025 में सदस्य देशों ने सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इस बैठक की सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि अब गठबंधन देश अपनी GDP का 5% रक्षा और सैन्य तैयारी में खर्च करेंगे। यह कदम रूस और अन्य संभावित खतरों को देखते हुए उठाया गया है।
🛡️ रक्षा बजट में ऐतिहासिक इजाफा
नई योजना के अनुसार:
3.5% बजट हथियारों और सैन्य तकनीक पर खर्च होगा।
शेष 1.5% साइबर सुरक्षा, सैन्य बुनियादी ढांचे और आपसी तालमेल को मजबूत करने में लगाया जाएगा।
इस योजना की समीक्षा हर 4 साल में की जाएगी।
हालांकि सभी देश इससे सहमत नहीं दिखे। पोलैंड जैसे देश इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, जबकि स्पेन, स्लोवाकिया और बेल्जियम ने इससे असहमति जताई है और खर्च में लचीलापन मांगा है।
🗣️ डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी और बयानबाजी
इस समिट में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भागीदारी ने राजनीतिक चर्चाओं को गर्म कर दिया।
उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में ईरान में युद्ध रुका और उन्होंने NATO को 2035 तक 5% रक्षा खर्च का लक्ष्य देने के लिए तैयार कर लिया है।
ट्रंप ने स्पेन को चेतावनी दी कि अगर वह खर्च नहीं बढ़ाता तो उसे व्यापारिक दबावों का सामना करना पड़ सकता है।
🔐 NATO की सुरक्षा नीति और आर्टिकल-5 पर बहस
आर्टिकल-5, जिसके तहत “एक देश पर हमला, सभी पर हमला” माना जाता है, उसकी प्रतिबद्धता को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति रही।
ट्रंप ने सम्मेलन से पहले इसके “अलग-अलग अर्थ” बताए थे, लेकिन बाद में मंच से साफ किया कि अमेरिका NATO के साथ पूरी तरह खड़ा है।
NATO महासचिव मार्क रुटे ने भी विश्वास दिलाया कि संगठन एकजुट है।
🇺🇦 यूक्रेन-रूस संघर्ष पर हुई चर्चा
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और ट्रंप के बीच लगभग 50 मिनट की बैठक हुई। इस दौरान:
युद्धविराम और नागरिक सुरक्षा पर विचार हुआ
अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और ड्रोन टेक्नोलॉजी पर सहयोग की बात हुई
जेलेंस्की ने कहा, “पुतिन की जीत नहीं हो रही है।”
ट्रंप ने वादा किया कि वह पुतिन से बातचीत करेंगे और समाधान खोजने की कोशिश करेंगे।
🧭 क्या आने वाले समय में बदलेगा शक्ति संतुलन?
NATO समिट 2025 से साफ संकेत मिलते हैं कि सदस्य देश सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के मूड में हैं। रक्षा बजट में वृद्धि, रूस को संदेश, और आर्टिकल-5 पर पुन: पुष्टि — ये सभी कदम आगामी वर्षों में वैश्विक सुरक्षा रणनीति को नया आकार दे सकते हैं।