SBI ने सस्ती की होम लोन EMI, ब्याज दरों में बड़ी कटौती; जानें अब कितनी देनी होगी ब्याज

अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए खुशखबरी से कम नहीं है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती करने का ऐलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कमी के बाद SBI ने भी अपनी होम लोन और डिपॉजिट स्कीम्स पर ब्याज दरें घटा दी हैं


📉 ब्याज दर में कितनी हुई कटौती?

RBI ने 6 जून 2025 को रेपो रेट को 6.00% से घटाकर 5.50% कर दिया था। इसके बाद SBI ने भी EBLR (External Benchmark Lending Rate) में 50 बेसिस पॉइंट (0.50%) की कमी की है। अब SBI के होम लोन पर ब्याज दर 7.5% से 8.45% के बीच होगी, जो ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर और लोन टेन्योर पर निर्भर करेगी।

📅 नई दरें 15 जून 2025 से लागू होंगी।


💸 EMI होगी कम, ग्राहकों को राहत

SBI के होम लोन सीधे EBLR से जुड़े होते हैं, जो RBI के रेपो रेट पर आधारित होता है। जैसे ही रेपो रेट में कटौती होती है, EBLR भी घटता है और इससे होम लोन सस्ते हो जाते हैं। इस वजह से हर महीने की EMI भी घट जाती है, जिससे लोन लेने वालों की जेब पर बोझ हल्का पड़ता है।

✅ जिन ग्राहकों का लोन फ्लोटिंग रेट (RLLR) से जुड़ा है, उनकी EMI अब कम हो जाएगी।

⚠️ अगर आपने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है, तो इस कटौती का फायदा नहीं मिलेगा।


🏦 डिपॉजिट स्कीम पर भी बदली दरें

SBI ने अपनी स्पेशल डिपॉजिट स्कीम (444 दिन) की ब्याज दर में भी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। इससे यह स्पष्ट है कि बैंक अब सस्ते लोन के साथ-साथ डिपॉजिट पर कम ब्याज दे रहा है, ताकि लोन वितरण को प्रोत्साहन मिल सके।


📌 MCLR में कोई बदलाव नहीं

SBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह वह न्यूनतम दर होती है, जिस पर बैंक लोन दे सकते हैं।

MCLR अवधिब्याज दर
1 साल9.00%
6 महीने8.90%
3 महीने8.55%
1 महीना8.20%

❗ जिनका लोन MCLR से जुड़ा है, उनकी EMI में कोई बदलाव नहीं होगा।


📊 CIBIL स्कोर का प्रभाव

होम लोन की ब्याज दर CIBIL स्कोर (300-900) पर निर्भर करती है। अगर आपका स्कोर ऊंचा है (जैसे 750+), तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना अधिक होती है।


📝 निष्कर्ष

SBI का यह कदम उन लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो घर खरीदने की योजना बना रहे हैं या पहले से लोन ले चुके हैं। फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों की EMI में कमी से उनकी मासिक बजट में राहत मिलेगी और सेविंग्स बढ़ेंगी।

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