UPPSC परीक्षा में अब पेपर लीक की नहीं चलेगी चाल! सरकार लाई सख्त कानून, चार सेट में होंगे प्रश्नपत्र

उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब यूपीपीएससी की सभी भर्ती परीक्षाओं में केवल एक ही सेट का नहीं, बल्कि चार सेट के प्रश्नपत्र होंगे। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य है—पेपर लीक पर लगाम कसना, नकल माफिया को रोकना और परीक्षार्थियों के बीच निष्पक्षता बनाए रखना।

सरकार ने इसके लिए 2025 में एक संशोधित अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसे विधानमंडल में प्रस्तुत किया जाएगा। इस नए नियम से परीक्षा प्रणाली में न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि यह यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता को भी पुनर्स्थापित करेगा।


📝 अब चार सेट होंगे प्रश्नपत्र: क्या बदलेगा?

अब तक यूपीपीएससी की परीक्षाओं में एक ही सेट का प्रश्नपत्र दिया जाता था, जिससे अगर एक पेपर लीक हो गया, तो पूरा सिस्टम प्रभावित हो जाता था। अब से परीक्षा में चार अलग-अलग सेट (A, B, C, D) के प्रश्नपत्र तैयार होंगे। सभी सेटों में प्रश्नों की संरचना एक जैसी होगी, लेकिन उनके क्रम और विकल्पों में बदलाव रहेगा।

इससे होगा ये:

  • परीक्षार्थियों को अलग-अलग प्रश्नपत्र मिलेंगे

  • नकल करने की संभावना कम होगी

  • पेपर लीक होने पर पूरा सिस्टम नहीं बिगड़ेगा

  • तकनीकी रूप से निगरानी आसान होगी

विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रणाली न केवल लीक रोकने में सहायक होगी, बल्कि इससे कॉपिंग और मास-चीटिंग जैसे संगठित अपराधों पर भी रोक लगेगी।


🔒 मुद्रकों पर निगरानी: होगी सख्त कार्रवाई

सरकार ने इस व्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव करते हुए प्रिंटिंग प्रेस (मुद्रक) को भी जवाबदेह बना दिया है। अब से यदि किसी भी मुद्रक की ओर से प्रश्नपत्र छपाई में लापरवाही, अनियमितता या पेपर लीक की पुष्टि होती है, तो उस पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इसके तहत:

  • मुद्रण कार्य में गोपनीयता सर्वोपरि रहेगी

  • हर मुद्रक को पृष्ठों की संख्या, छपाई की समयसीमा और गोपनीय रजिस्टर में एंट्री करनी होगी

  • किसी भी स्तर पर नियम तोड़ने पर एफआईआर, ब्लैकलिस्टिंग, और आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा

परीक्षा नियामक प्राधिकरण की निगरानी में यह प्रक्रिया 24×7 सुरक्षा के साथ की जाएगी।


📦 प्रश्नपत्रों की कोडिंग और निगरानी बढ़ेगी

चार सेट वाले प्रश्नपत्रों की निगरानी केवल मुद्रण तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इनके डिस्ट्रिब्यूशन और कोडिंग पर भी उच्च स्तर की सुरक्षा व्यवस्था लागू होगी। प्रत्येक सेट को विशेष कोड दिया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक सेट तक न पहुंच सके।

सरकार ने इसके लिए एक डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और सील बंद सुरक्षा चेन लागू करने की तैयारी की है।


📈 गुणवत्तापरक मूल्यांकन की होगी व्यवस्था

चार सेट की व्यवस्था के कारण मूल्यांकन में भी समानता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इसके लिए आयोग ने:

  • सभी सेटों की कठिनाई समान रखने के निर्देश दिए हैं

  • प्रश्नपत्रों के विशेषज्ञ मूल्यांकन करवाने की योजना बनाई है

  • रिजल्ट में सभी सेटों की स्केलिंग को ध्यान में रखने के निर्देश जारी किए हैं

इससे परीक्षा परिणामों पर कोई विवाद न हो और हर अभ्यर्थी को बराबरी का मौका मिले।


📉 पेपर लीक कांड ने सरकार की छवि बिगाड़ी थी

बीते कुछ वर्षों में यूपी में कई बड़ी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आईं थीं—जैसे UPTET, UP Police, और कई अन्य सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं। इन घटनाओं ने न केवल लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित किया, बल्कि सरकार की विश्वसनीयता और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए थे।

विरोध-प्रदर्शनों और न्यायालय में लंबित मामलों के बाद, अब सरकार ने यह ठान लिया है कि परीक्षा प्रणाली को सुधारना और सख्ती लाना जरूरी है।


🔍 क्या नकल माफिया को मात मिलेगी?

हालांकि यह बदलाव स्वागत योग्य है, लेकिन यह भी देखना दिलचस्प होगा कि क्या नकल माफिया इस योजना को मात दे पाएंगे या नहीं। जानकारों का मानना है कि तकनीकी उपायों और सख्त नियमों से छेड़छाड़ करना आसान नहीं होगा।

इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे, बॉयोमेट्रिक हाजिरी, और डिजिटल ऑडिट जैसी व्यवस्थाएं पहले से लागू की जा रही हैं, जिससे नकल या बाहरी हस्तक्षेप की संभावना को और कम किया जा सके।


📢 सरकार का संदेश साफ: योग्यता ही पासपोर्ट बनेगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस फैसले को लेकर कहा है कि,

“राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत है पारदर्शी व्यवस्था की। हम चाहते हैं कि हर छात्र को उसका हक मिले—बिना सिफारिश और बिना घोटाले के।”

इस नीति से यह स्पष्ट हो गया है कि यूपी सरकार प्रतिभा आधारित भर्ती प्रणाली को प्राथमिकता दे रही है, जिसमें ईमानदारी, निष्पक्षता और पारदर्शिता अहम मानक होंगे।

  • Related Posts

    सऊदी अरब की पहली महिला प्रोफेसर बनीं डॉ. अबीर अल ओबैदी: बदले दौर की मिसाल, महिलाओं के लिए प्रेरणा

    सऊदी अरब की एक और बेटी ने नया इतिहास रच दिया है। डॉ. अबीर बिन्त हसन अल ओबैदी…

    Read More
    गोरखपुर में शिवरात्रि पर सीएम योगी ने किया रुद्राभिषेक, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए की प्रार्थना

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन मास की शिवरात्रि पर गोरखपुर स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में…

    Read More

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *